परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने विश्व के कई देशों से आये योग साधको को पर्यावरण के लिये और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया।
स्वामी जी ने योग शिक्षक प्रशिक्षण पाठयक्रम की शुरूआत के प्रथम दिन से ही योग जिज्ञासुओं को संदेश दिया कि जीवन शैली का परिवर्तन ही सच्चा परिवर्तन है।
पर्यावरण के लिए जीवनशैली (स्पथ्म्द्ध आंदोलन एक संगठित पहल है जो पर्यावरण के अनुकूल जीवन के परम्परागत तरीके को प्रोत्साहित करता है। एक ऐसी जीवन शैली जो संतुलित और अनुकूलित पर्यावरण के लिए अनुकूल हो। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन के तरीकों को पर्यावरण के साथ संगठित करना है ताकि पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें।
लाइफ आंदोलन सभी को अपने आस-पास के स्थानों की साफ सफाई, अपशिष्टों का उपयोग, वन्य जीवन संरक्षण, वनों का संवर्धन, संरक्षित क्षेत्रों का उपयोग आदि के माध्यम से जीवनशैली को बदलने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु समर्पित है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सभी पर्यावरण के साथ एकीकृत होकर जीवन जीने की शैली अपनाये। साथ ही पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन को संतुलित और संरक्षित बनाने के लिए जीवनशैली के नए तरीकों को अपनाना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि अग्नि तत्त्व एक ऐसा तत्त्व जो ऊर्जा का पर्याय है तथा पंचमहाभूत के पाँच तत्त्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष (आकाश) में से एक है। अग्नि तत्त्व-पर्यावरण के लिये जीवनशैली एक स्थायी भविष्य हेतु समाधान तलाशने के लिये सभी को एक मंच प्रदान कर रहा है।
स्वामी जी ने कहा कि लाइफ आन्दोलन पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली को बढ़ावा देता है जो ‘विवेकहीन और व्यर्थ खपत’ के बजाय ‘सावधानी के साथ और सुविचारित उपयोग’ पर केंद्रित है। प्राकृतिक संसाधनों का सावधानी के साथ सुविचारित उपयोग को जीवन का मंत्र बनाना होगा तभी हम अपने नेचर, कल्चर और फ्यूचर को बचा सकते हैं।
अब समय आ गया है कि ‘उपयोग और निपटान अर्थव्यवस्था’ को एक सर्कुलर इकॉनमी द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा तथा सभी को पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को अपनाने और बढ़ावा देने के लिये एक साझा प्रतिबद्धता का संकल्प लेना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों को पर्यावरण के अनुकूल व्यवहारों को आत्मकेंद्रित होने के लिये सुदृढ़ और सक्षम बनाना होगा।
योग शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में आये योग जिज्ञासु योग और ध्यान की कक्षाओं के साथ ही परमार्थ निकेतन में हो रही विभिन्न आध्यात्मिक गतिविधियों का आनन्द भी ले रहे हैं।