Tree Plantation at Patanjali Yogpeeth

Yoga Guru Swami Ramdevji, HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji – Muniji, Acharya Bal Krishnaji, Forest and Technical Education Minister Shri Subodh Uniyalji, PCCF Dehradun Shri Vinod Singhal ji, and officials of the Nepal Tourism Department came together at Patanjali Yogpeeth, Haridwar to plant saplings before visiting the Haridwar Nagar Forest as part of their greening efforts ahead of the Amrit Mahotsav celebrations in August. After seeing the beauty of the forest, Pujya Swamiji declared that the greenspace “should be declared a center of international identity and it is everyone’s moral responsibility to maintain the natural beauty of this divine place.”

हिमालय को ओढायें हरियाली की चादर
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी पधारे पतंजलि योगपीठ
योगगुरू स्वामी रामदेव जी, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, आचार्य बालकृष्ण जी और वन और तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल जी, पीसीसीएफ देहरादून श्री विनोद सिंघल जी, सहगल जी, नेपाल पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने किया पौधारोपण
देवभूमि उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त करने का किया आह्वान
श्रद्धा और आस्था का केन्द्र बनेगा रूद्राक्ष वन
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 9 जुलाई। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी पतंजलि योगपीठ पधारे। विख्यात योगगुरू स्वामी रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण जी ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।

75 वें आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत योगगुरू स्वामी रामदेव जी, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, आचार्य बालकृष्ण जी, वन और तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल जी और अन्य विशिष्ट विभूतियों ने पौधारोपण कर देवभूमि उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त करने का आह्वान किया। तदनन्तर तीनों पूज्य संतों का डीएफओ श्री दीपक सिंह जी ने हरिद्वार नगर वन में स्वागत करते हुये भ्रमण कराया। स्वामी जी ने नगर वन के सौन्दर्य को देखने के बाद कहा कि इसे एक अन्तर्राष्ट्रीय पहचान का केन्द्र घोषित किया जाना चाहिये तथा नगर वन के नैसर्गिक सौन्दर्य को बनाये रखना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने परमार्थ निकेतन द्वारा 75000 रूद्राक्ष के पौधों का रोपण और परमार्थ जलाशय का संकल्प दोहराते हुये कहा कि यह संकल्प वन विभाग के सहयोग से निश्चित रूप से पूर्ण होगा और यह रूद्राक्ष वन श्रद्धा और आस्था का केन्द्र बनेगा। नीलकंठ मार्ग, राजाजी नेशनल पार्क में परमार्थ जलाशयों की स्थापना से हाथियों, पशु-पक्षियों की ही नहीं बल्कि धरती की भी बुझेगी प्यास। स्वामी जी ने कहा कि जलाशयों के निर्माण और पौधारोपण से पर्यावरण भी बचेगा और परम्परायें भी बचेगी।

स्वामी जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि नीलकंठ की यात्रा सभी श्रद्धालुओं को नूतन संकल्पों के साथ करनी होगी तभी हम प्रदूषण और प्लास्टिक मुक्त वातावरण तैयार कर सकते हैं।
योगगुरू स्वामी रामदेव जी ने स्वामी जी के संकल्पों का स्वागत करते हुये कहा कि स्वामी जी की हर श्वास प्रकृति और पर्यावरण के संवर्द्धन हेतु समर्पित है। जंगल में जलाशयों का निर्माण अपने आप में नवोदित पहल है जिससे न केवल प्राणियों की प्यास बुझेगी बल्कि एक सुरम्य वातावरण का निर्माण भी होगा।

स्वामी रामदेव जी, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, आचार्य बालकृष्ण जी एवं जिला वनाधिकारी दीपक सिंह जी ने मिलकर रूद्राक्ष के पौधे का रोपण करते हुये कहा कि निश्चित रूप से हिमालय, हरियाली की चादर ओढ़ेगा और जो पहाड़ वृक्षविहीन हैं, उन पर भी पौधारोपण किया जाना चाहिये।