Students and teachers of Parmarth Vidya Mandir Parmarth Niketan celebrated Raksha Bandhan in a unique and inspiring way this year. Started this three-day Raksha Bandhan campaign with Kotwali, Rishikesh. He visited Kotwali, Rishikesh and Municipal officials and staff tied Rakhi and expressed respect and gratitude towards them. Along with this, he also gave the message of environment protection by planting trees in the memory of Raksha Bandhan.
Policemen brother-sister and municipal employees are also engaged in serving their city, society, state and country on festivals and festivals. It is our duty to express gratitude for their actions while rarely staying with their family members on an festival.
On this occasion Swami Chidanand Saraswati, President of Parmarth Niketan, HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji said, “Raksha Bandhan festival is a symbol of brother-sister’s love and protection. This festival should all of us respect and express gratitude towards one another, as well as aware of environmental conservation. Plantation is a function that we can not only preserve the environment, but also provide a healthy and safe environment for generations to come. ”
परमार्थ विद्या मन्दिर की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने इस वर्ष रक्षाबंधन को एक अनोखे और प्रेरणादायक तरीके से मनाया। इस तीन दिवसीय रक्षाबंधन अभियान की शुरूआत कोतवाली, ऋषिकेश से की। उन्होंने कोतवाली, ऋषिकेश और नगरनिगम में जाकर पुलिसकर्मियों और नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राखी बांधी और उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की। इसके साथ ही, उन्होंने रक्षाबंधन की याद में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
पुलिसकर्मी भाई-बहन और नगरनिगम के कर्मचारी पर्व व त्यौहारों पर भी अपने शहर, समाज, राज्य व देश की सेवा में लगे रहते हैं। शायद ही किसी पर्व पर वे अपने परिवार जनों के साथ रहते होंगे, ऐसे में उनके कार्यों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना हमारा कर्तव्य है।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा, “रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है। इस पर्व को हम सभी को एक दूसरे के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी जागरूक होना चाहिए। पौधारोपण एक ऐसा कार्य है जिससे हम न केवल पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण भी प्रदान कर सकते हैं।”
कार्यक्रम की शुरुआत परमार्थ विद्या मन्दिर की छात्राओं द्वारा कोतवाली में पुलिसकर्मियों को राखी बांधने से हुई। छात्राओं ने पुलिसकर्मियों भाई-बहनों को राखी बांधकर उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की। पुलिसकर्मियों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि यह उनके लिए एक बहुत ही सम्मानजनक और प्रेरणादायक अनुभव था।
इसके बाद, छात्राओं और शिक्षिकाओं ने नगरनिगम में जाकर कर्मचारियों को राखी बांधी। नगरनिगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि यह उनके लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण था। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है और समाज में सौहार्द का वातावरण निर्मित होता है। इस कार्यक्रम से समाज में एकता का संदेश जायेगा। साथ ही हमारी पूरी टीम अपने कार्य को और भी अधिक उत्साह और समर्पण के साथ करेगी।
राखी बांधने के बाद, छात्राओं और शिक्षिकाओं ने नगरनिगम परिसर और कोतवाली, ऋषिकेश में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प किया। छात्राओं ने कहा कि पूज्य स्वामी जी समय-समय पर हमें संदेश देते हैं कि , “पौधारोपण एक ऐसा कार्य है जिससे हम न केवल पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण का भी निर्माण कर सकते हैं।”
कार्यक्रम के अंत में, परमार्थ विद्या मन्दिर की संस्था प्रमुख और प्रधानाचार्या ने सभी छात्राओं और शिक्षिकाओं को इस पहल के लिए बधाई दी और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ती है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाता है। उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी जी के आशीर्वाद से परमार्थ विद्या मन्दिर हमेशा से ही सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूक रहा है और आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा।