डिवाइन शक्ति फाउंडेशन, परमार्थ निकेतन पिछले कई वर्षों से विद्यालयों और कम्यूनिटी स्तर पर माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति महिलाओं, किशोरियों और जनसाधारण को जागरूक करने हेतु विभिन्न स्तरों कर कार्य कर रहा है। डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि लड़कियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण के विभिन्न घटकों में सुधार करने हेतु मिलकर कार्य करना जरूरी है ताकि प्रत्येक बेटी, माँ और उनके अध्यापकों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के विषय में सही व उपयुक्त जानकारी प्रदान की जा सके।
परमार्थ निकेतन के प्रशिक्षकों द्वारा स्कूली छात्राओं को माहवारी स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की जानकारी प्रदान की गयी ताकि जमीनी स्तर पर परिवर्तन लाया जा सके। साथ ही माहवारी से संबंधित समाज मे व्याप्त प्रथाओं व वर्जनाओं के साथ ही माहवारी के दौरान उपयोग की जाने वाली सामग्री कौन-कौन सी है, इनकी उपलब्धता, घरों और स्कूलों में माहवारी स्वच्छता हेतु अनुकूल सुविधाओं पर भी खुलकर चर्चा की। छात्राओं को जानकारी दी गयी कि माहवारी के दौरान असुरक्षित और अस्वच्छ विकल्पों को अपनाने से उनके स्वास्थ्य पर इसका विपरीत असर पड़ता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि माहवारी केवल महिलाओं का ही विषय नहीं है बल्कि पूरे परिवार और पूरे राष्ट्र का स्वास्थ्य भी कहीं न कहीं इससे जुड़ा हुआ है। भारत में बड़ी संख्या में हमारी बेटियां किशेरावस्था में पहुंचते ही स्कूल छोड़ देती हैं, और 77 प्रतिशत लड़कियां माहवारी के दौरान उन 5 से 7 दिनों तक स्कूल नही जाती जिससे उनकी शिक्षा तो प्रभावित होती ही है साथ ही उन्हें कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने माहवारी के दौरान बेटियों को स्कूल में होने वाली समस्याओं को संज्ञान में लेते हुये और विद्यालयों में छात्राओं के लिये अलग शौचालय बनवायें ताकि बेटियों की पहंुच विद्यालयों तक सुविधाजनक रूप से हो सके।
माननीय मोदी जी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि हम बोलने और आचरण में ऐसा कुछ न करें जो महिलाओं के सम्मान को कम करता हो वास्तव में यह अद्भुत प्रयास है।
स्वामी जी ने कहा कि माहवारी से संबंधित व्यापक जानकारी प्रदान करते हेतु स्कूलों, कॉलेजों और अन्य सभी शिक्षण संस्थानों द्वारा सकारात्मक चर्चा हेतु कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना चाहिये ताकि बच्चियों, अभिभावकों और शिक्षक के मध्य खुलकर बातचीत का माहौल तैयार हो सके। माहवारी संबंधित सही और सटीक जानकारी के लिये स्कूलों, कॉलेजों के शिक्षकों के साथ आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स को प्रशिक्षित करना एक बेहतर समाधान हो सकता है।
डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि दुनिया की लगभग आधी आबादी अपने जीवन के लगभग 7 से 8 वर्षों का समय माहवारी के दिनों में गुजारती है। वास्तव में यह बहुत बड़ा समय है इसलिये इन सात से आठ वर्षो को स्वच्छ, स्वस्थ और प्रसन्नता से गुजार सके इसके लिये हम सभी को मिलकर प्रयास करना बहुत आवश्यक है।
साध्वी जी ने कहा कि हमारे देश में प्रतिवर्ष करोडो़ं की संख्या में उपयोग किये हुये सेनेटरी पैड़ कचरे में डाले जाते है जिसके कारण हमारे जल स्रोत, मिट्टी और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है इसलिये कपडे से बने पैड व ईकोफ्रेंडली सेनेटरी पैड का उपयोग किया जाना चाहिये।
प्रशिक्षकों ने छात्राओं को माहवारी स्वास्थ्य, स्वच्छता के साथ उपयोग किये जाने वाले प्रोडक्ट के विषय में जानकारी प्रदान की। वर्तमान समय में बाजार में पुराने कपड़ों से बने हुये पैड, मेस्टूअल कप, टेम्पोन उपलब्ध है साथ ही इनका उपयोग कैसे किया जाता है तथा इनके फायदे और नुकसान के विषय में जानकारी दी। माहवारी से संबंधित जानकारी देने वाली पुस्तकें भी बांटी। सभी छात्राओं को संकल्प कराया कि वे पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का उपयोग करेगी तथा माहवारी के विषय पर अपनी चुप्पी तोडेगी।