17 फरवरी, ऋषिकेश। ‘परमार्थ विद्या मन्दिर और परमार्थ नारी शक्ति केन्द्र’ में शिक्षा व व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को आज छात्रवृत्ति व पुरस्कार वितरित किये गये। पुरस्कार प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को एक प्रमाणपत्र, नगद राशि और पुरस्कार प्रदान किये गये।
छात्रवृति वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, प्रसिद्ध उद्योगपति श्री दिनेश शाहरा जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर तथा समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि विद्यार्थियों के लिये 3 सूत्र, जो बहुत जरूरी है ‘‘मेडिटेशन, नो रिएक्शन और इन्ट्रोस्पेक्शन’’ अर्थात प्रतिदिन ध्यान करे ताकि आप बाहर से ही नहीं बल्कि भीतर से, अपने स्व से भी जुड़े रहे, दूसरा नो रिएक्शन कैसी भी परिस्थिति हो समत्व भाव बना रहे, समत्व का भाव सकारात्मक चिंतन से आता है तथा स्वयं ही स्वंय का निरिक्षण करे कि आज मैने क्या-क्या बेहतर किया और क्या और बेहतर किया जा सकता था।
स्वामी जी ने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि अपनी बैंलेस शीट रोज बनाओ क्योंकि हमारी बुद्धि हर समय विचारों में उलझी रहती है और मन भावना जगत से जुड़ा रहता है तथा शरीर व इंद्रियाँ, विषयों में उलझी रहती हैं, इसीलिए उसे बार-बार याद दिलाना पड़ता है। प्रतिदिन सोने से पूर्व – कायेन वाचा मनसेंद्रिर्यैवा अर्थात प्रभु को सब कुछ समर्पित करके स्वाहा, मानसिक स्वाहा सेरिमनी अवश्य करें इससे जीवन में अनुशासन सधेगा, एकाग्रता बढ़ेगी, आप स्वस्थ रहेंगे, मस्त रहेंगे, ओज बढ़ेगा, उर्जा बढ़ेगी तथा शांति भी मिलेगी। हम इन्टरनेट से तो जुड़ते ही है पर अपने इनरनेट से जुड़िये यही हमारी संस्कृति हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हम केवल एजुकेटेड नहीं, बल्कि कल्चर्ड भी बनें पूज्य स्वामी जी महाराज हमें सदैव यह संदेश देते है कि हम डिग्रियां जरूर ले पर डिग्रिओं के पार भी बहुत कुछ है। उन्होंने कहा कि अपनी प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपना कर्तव्य निभाये।
श्री दिनेश शाहरा जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी ने हमें प्रेरित किया है कि इस दुनिया को सभी के लिए एक बेहतर जगह बनाने में अपनी भूमिका निभाना अत्यंत आवश्यक है। स्वामी जी के मार्गदर्शन में ही हम आध्यात्मिकता और शिक्षा के प्रसार व समाज सेवा की ओर अग्रसर हुये हैं।
पिछले 50 वर्षों में श्री दिनेश शाहरा जी द्वारा अर्जित पूंजी से उन्होंने दिनेश शाहरा फाउंडेशन की स्थापना तथा यह पुरस्कार भी कक्षाओं में सर्वप्रथम अंक लाने वाले और कक्षा में सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज करने वाले विद्यार्थियों को दिये गये। ये बच्चे समाज के उस तबके से आते हैं जिन्हें समर्थन, सहयोग और साथ की आवश्यकता है, वे सब भी हमारे परिवार का ही अंग है। उन्होंने कहा कि इसकी नींव में यह उद्देश्य समाहित है कि ‘जो कुछ भी हमने प्राप्त किया है वह समाज को वापस देना’’। समाज का भौतिक और आध्यात्मिक विकास हम सभी की जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, स्वामी सेवानन्द जी, हेल्मुट किंजल मैन, सोहिनी, रोहन, रुचि राय, उपासना पात्रा, रशमी, आशा, दीलिप क्षेत्री, सोमनाथ और अन्य अतिथि उपस्थित थे।