Pujya Swamiji Participates in 1 Lakh Tree Plantation Campaign in Noida

HH Param Pujya Swami Chidanand Saraswatiji, President of Parmarth Niketan, returned to India and immediately participated in a 1 lakh tree plantation campaign in Noida designed to loudly proclaim the message that “environmental protection is our primary responsibility.”

Respected saints, politicians, representatives of social organizations participated in the tree plantation drive in the holy presence of Pujya Swamiji and Swami Ramamangaldas Ji at Shri Krishna Sudama gaurakshak dham, Noida.

Swami Ji said that the Indian society’s approach towards environment and nature is unique. Here nature is worshipped as a deity. Our sages have taught us to live in balance with nature, so in India, living in balance with nature is an important ritual. This earth teaches us how we can be responsible towards our family, society, and environment and live life with mutual love and respect.


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी अपनी विदेश यात्रा के पश्चात भारत पधारे। भारत पहुंचते ही उन्होंने नोएडा में 1 लाख पौधारोपण अभियान में सहभाग कर पर्यावरण संरक्षण हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी का संदेश दिया।

श्री कृष्ण सुदामा गौरक्षाधाम, नोएडा में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और स्वामी राममंगलदास जी के पावन सान्निध्य में पूज्य संतों, राजनेताओं, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभाग कर पौधारोपण अभियान में सहभाग किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि रक्षाबंधन व वृक्षाबंधन दोनों ही हमारे समाज के लिये जरूरी है। रक्षाबंधन से परम्परा बचती है और वृक्षाबंधन से पर्यावरण बचता है। आज परम्परा व पर्यावरण संरक्षण का उत्सव है।

स्वामी जी ने कहा कि पर्व, परम्परा, पर्यावरण और पौधारोपण का आपस में गहरा संबंध है। भारतीय संस्कृति में पर्व और परम्पराओं का विशेष महत्त्व है, जो न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण को भी प्रोत्साहित करते हैं।

भारत में मनाये जाने वाले अधिकांश पर्वों का सीधा संबंध प्रकृति और पर्यावरण से है। वट सावित्री और तुलसी विवाह जैसे पर्वों में वृक्षों और पौधों की पूजा की जाती है। मकर संक्रांति और पोंगल जैसे पर्व फसल कटाई के समय मनाए जाते हैं, जो कृषि और पर्यावरण के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर भी है। भारतीय परम्पराओं में पौधारोपण का विशेष स्थान है। विवाह, जन्मदिन और अन्य शुभ अवसरों पर पौधे लगाने की परम्परा है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा भविष्य सुनिश्चित करने का प्रयास भी है।

स्वामी जी ने कहा कि पर्यावरण और प्रकृति के प्रति भारतीय समाज का दृष्टिकोण अद्वितीय है। यहाँ प्रकृति को देवता के रूप में पूजा जाता है। पेड़-पौधों, नदियों, पहाड़ों, और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान किया जाता है। हिन्दू धर्म में वृक्षों की पूजा, नदियों की आरती, और पर्वतों की पूजा की परंपरा है। यह सब प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण हेतु सदियों से चली आ रही परम्परायें हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर चलने की शिक्षा दी है इसलिये भारत में प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर चलने का महत्वपूर्ण संस्कार हैं। यहाँ की संस्कृति और परंपराएँ इन मूल्यों को संजोए हुए हैं और इन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना जरूरी है। यह धरती हमें सिखाती है कि कैसे हम अपने परिवार, समाज, और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बन सकते हैं और परस्पर प्रेम और सम्मान के साथ जीवन जी सकते हैं।

इस अवसर पर भाजपा विधायक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली, श्री वीरेंद्र सचदेवा जी, गौतमबुद्धनगर एवं पूर्व केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री, भारत, सांसद श्री महेश शर्मा जी, अध्यक्ष, कामधेनु ट्रस्ट, नोएडा, श्री नरेश शर्मा जी, श्री महन्त नारायण गिरी जी महाराज, अध्यक्ष, दिल्ली संत महामंडल, श्री तेजपाल सिंह नागर जी, मा. विधायक, दादरी, श्री राधा चरण शर्मा जी ( समाजसेवी), श्रीमती ममता मग्गू जी एवं श्री दीपक मग्गू जी, श्रीमती अर्चना शर्मा एवं श्री राजेश शर्मा जी, श्री सुरेश चव्हाणके जी (सुदर्शन न्यूज), श्री बसंत सिंह बिष्ट जी (समाजसेवी)श्री महेंद्र लड्डा जी (अध्यक्ष, गणेश सेवा मंडल), श्री पवन त्यागी जी कुलेसरा (समाजसेवी), श्री निलेश सिंघलजी, अध्यक्ष, मारवाड़ी युवा मंच, नोएडा और अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग कर पौधारोपण किया।