Pujya Swamiji Discusses Mother Ganga with Director General of Namami Gange, Mr. Ashok Kumar

परमार्थ निकेतन में नमामि गंगे के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार जी और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी की माँ गंगा, यमुना जी और उनकी सहायक नदियों की निर्मलता और अविरलता के साथ ही परमार्थ निकेतन में गंगा आरती ट्रेनिग हेतु विस्तृत चर्चा हुई।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने बताया कि ऋषिकेश में गंगा संसद और दिल्ली में यमुना संसद का आयोजन किया जायेगा ताकि न केवल गंगा माँ के तट पर स्थित पांच राज्य बल्कि पूरा भारत मिलकर कार्य करे क्योंकि गंगा केवल एक नदी नहीं बल्कि हम भारतीयों की माँ है। हम सभी को मिलकर गंगा के तटों को हरित, स्वच्छ, प्रदूषण एवं प्लास्टिक से मुक्त करना होगा। तटों के दोनों ओर जैविक खेती शुरू करनी होगी ताकि कीटनाशकों से होने वाले जल और मृदा के प्रदूषण को कम किया जा सके। साथ ही गंगा जी के दोनों तटों पर ग्रीन कारिडोर का निर्माण पर जोर देना होगा। स्वामी जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्राकृतिक खेती ही भावी पीढ़ी की खेती हो क्योंकि प्राकृतिक खेती ही असली खेती है। प्राकृतिक और पारम्परिक खेती ही भविष्य में अपनायी जाने वाली खेती हो।

स्वामी जी ने बताया कि परमार्थ निकेतन में समय-समय पर गंगा आरती का प्रशिक्षण दिया जायेगा। विगत कुछ माह पहले भी कई बार तीन-तीन दिनों का गंगा आरती का विधिवत प्रशिक्षण परमार्थ निकेतन में दिया गया था जो कि नियमित रूप से जारी रहेगा।

स्वामी जी ने कहा कि भारत के यशस्वी और ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नमामि गंगे, अर्थ गंगा के तहत “ब्रिज ऑफ इकोनॉमिक्स’ के रूप में एक सेतु के माध्यम से लोगों को गंगा से जोड़ने का अद्भुत कार्य किया है। माँ गंगा के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्त्व के अलावा गंगा जी से मिलने वाले आर्थिक लाभों पर भी ध्यान देने हेतु प्रेरित किया जिससे केवल रोजगार ही नहीं बल्कि संस्कार भी बढ़ेगा, एक दूसरे के बीच एकता का आधार भी बढ़ेगा, प्यार भी बढ़ेगा और साथ-साथ व्यापार भी बढ़ेगा। नमामि गंगे जैसे कार्यक्रम के लिये युवा पीढ़ी में सामाजिक और व्यावहारिक बदलाव लाने के लिये अद्भुत कार्य किये जा रहे हैं। हम सभी को मिलकर नदियों एवं जलस्रोतों की स्वच्छता के प्रति युवा पीढ़ी को जागरूक करने की जरूरत है, बाकी तो सब स्वतः ही ठीक हो जाएगा।

स्वामी जी ने कहा कि गंगा जी का न सिर्फ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी गंगा नदी पर निर्भर है। 2014 में न्यूयॉर्क में मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने कहा था, “अगर हम गंगा जी को साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। अतः गंगा जी की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है”।

नमामि गंगे के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार जी ने कहा कि गंगा स्वच्छता के लिये सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है परन्तु नागरिक स्तर पर रिड्युस, रि-यूज और रिकवरी पर विशेष ध्यान देना होगा कि हमारे द्वारा उपयोग किया गया जल और हमारे घरों की गंदगी अंततः नदियों में ही जाती है अगर इसका सही से निपटान किया जाये तो काफी हद तक समस्या का समाधान किया जा सकता है। हमारे द्वारा उपयोग किए गए पानी, जैविक कचरे एवं प्लास्टिक की रिकवरी और इसके पुनः उपयोग से नमामि गंगे कार्यक्रम को काफी लाभ मिल सकता है।

श्री जी अशोक कुमार जी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत की पवित्र नदी गंगा को फिर से जीवंत करने के लिए नमामि गंगे पहल को प्राकृतिक को पुनर्जीवित करने वाली विश्व की 10 शीर्ष बहाली फ्लैगशिप पहलों में से एक के रूप में मान्यता दी है। उन्होंने बताया कि 14 दिसंबर, 2022 को विश्व बहाली दिवस के अवसर पर मॉन्ट्रियल (कनाडा) में जैव विविधता पर कन्वेंशन के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन में आयोजित एक समारोह में यह पुरस्कार प्राप्त किया।

नमामि गंगे को दुनिया के 70 देशों की 150 से अधिक ऐसी पहलों में से चुना गया है। इन पहलों को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा समन्वित एक वैश्विक आंदोलन, संयुक्त राष्ट्र ईको सिस्टम बहाली दशक बैनर के तहत चयन किया गया था। इसे पूरे विश्व में प्राकृतिक स्थानों के क्षरण की रोकथाम और बहाली के लिए तैयार किया गया है। इस हेतु स्वामी जी ने नमामि गंगे के महानिदेशक, पूरी नमामि की पूरी टीम, भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी और पूरे भारत का अभिनन्दन करते हुये कहा कि मात्र आठ वर्षो की इस अवधि में इस तरह का वैश्विक सम्मान प्राप्त करना यह अपने आप में गौरव का विषय है।

स्वामी जी ने कहा कि आईये, हम सभी मिलकर हमारी आध्यात्मिकता, हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति और विरासत की प्रतीक हमारी राष्ट्रीय नदी गंगा को सुरक्षित करने के लिए एक साथ आगे आएं!