‘माघ पूर्णिमा’ कल्पवास की पूर्णता का पर्व है। संकल्प की संपूर्ति, आनंद और उत्साह का पर्व है। माघी पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु गंगाजी में निवास करते हैं इसलिये इस दिन गंगाजी में स्नान, ध्यान और गंगा जल के स्पर्शमात्र से आत्मिक आनन्द और आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति होती है।
आज के दिन नदियों में केवल एक डुबकी और एक आचमन नहीं बल्कि आत्ममंथन की डुबकी लगाये और अपने जीवन को अमृत कलश से भर लें।
’’जल चेतना जन चेतना बने’’, ‘‘जल क्रान्ति जन क्रान्ति बने’’ और ‘‘जन आन्दोलन जल आन्दोलन बने।’’