श्रीमती निर्मला सीतारमण जी अपने माता-पिता के साथ पधारी परमार्थ निकेतन, शिविर, प्रयागराज
परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने शंखध्वनि, पुष्पमाला व वेदमंत्रों से किया अभिनन्दन
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में संगम आरती में किया सहभाग
हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा किया भेंट
संगम के तटों पर सनातन नृत्य कर रहा है
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
प्रयागराज, 19 फरवरी: परमार्थ निकेतन शिविर, प्रयागराज में भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी का स्वागत किया गया। वे अपने माता-पिता के साथ संगम की पवित्र धरती पर पहुंचीं। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने शंखध्वनि, पुष्पमाला और वेदमंत्रों से उनका अभिनंदन किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में, श्रीमती निर्मला सीतारमण जी और उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री श्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी जी ने संगम आरती में सहभाग लिया। इस दौरान श्रीमती सीतारमण जी को हिमालय की हरित भेंट, रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा, “श्रीमती निर्मला सीतारमण जी श्रवण कुमार से कम नहीं हैं, जो अपने माता-पिता को महाकुम्भ की यात्रा पर ले जा रही हैं। उन्होंने भारत के सांस्कृतिक महत्व को बताया और कहा कि भारत ने कभी तलवारों के बल पर राज नहीं किया, बल्कि संस्कृति और संस्कारों के बल पर।”
स्वामी जी ने आगे कहा, “नारी घर की क्यारी होती है, और हमारी वित्तमंत्री भारत की क्यारी का अद्भुत पुष्प हैं।” उन्होंने सभी को एकजुट होकर राष्ट्र को महान बनाने का आह्वान किया और कहा कि यह समय अपना फर्ज निभाने का है।
स्वामी जी ने महाकुम्भ की महिमा पर भी प्रकाश डाला और कहा, “यह मृत कुम्भ नहीं, महान कुम्भ है। संगम पर आकर हम सब समान और सम्मानित होते हैं। यह संगम का संदेश है कि हम सब एक हैं।”
स्वामी जी ने संगम के तटों पर हो रहे सनातन नृत्य का जिक्र करते हुए कहा, “जब तक सनातन है, तब तक सेक्युलरिज्म और संविधान है।” उन्होंने इस वर्ष के बजट की भी सराहना की।