वित्त और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी पधारे परमार्थ निकेतन
यज्ञ की पूर्णाहुति में किया सहभाग
माननीय मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर किया अभिनन्दन
संतों का संग बदल देता है धरती का रंग
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 19 नवम्बर। परमार्थ निकेतन में वित्त और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल जी पधारे। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और श्री सुधांशु जी के पावन सान्निध्य में साधना शिविर की पूर्णाहुति यज्ञ में सहभाग किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज साधना शिविर की पूर्णाहुति के अवसर पर कहा कि हिंदू धर्म में प्रकृति को उच्च स्थान प्रदान किया गया है। हम प्रकृति पूजक है इसलिये हम पृथ्वी को माता मानकर पूजन करते हैं।
भगवद्गीता में अनेक स्थानों पर कहा गया है कि ईश्वर सर्वव्यापी है तथा विभिन्न रूपों में सभी प्राणियों में विद्यमान है इसलिये हम सभी को सम्पूर्ण मानवता की रक्षा करने हेतु प्रतिबद्ध होना होगा।
उन्होंने कहा कि हम कर्म की प्रधानता पर विश्वास करते हैं, कर्मों के अनुसार ही फल प्राप्त होता है तथा हमारे कर्मों का प्रभाव प्रकृति पर भी पड़ता है इसलिये हमारा प्रथम कर्तव्य है कि हम प्रकृति के संरक्षक बने तभी हम प्राकृतिक ऐश्वर्य, हरियाली और समृद्धि को बनाये रख सकते हैं।
श्री सुधांशु जी ने कहा कि ऋग्वेद में उल्लेख किया गया है कि ‘‘अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य देवम् ऋत्विजं होतारं रत्न धातमम्।’’ अर्थात अग्निदेव की स्तुति की गयी है। हम अग्नि देवता को घी, अनाज और प्रसाद के माध्यम से सम्पूर्ण ब्रह्मण्ड में शान्ति और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। परमार्थ निकेतन गंगा तट पर आयोजित साधना शिविर की पूर्णाहुति वास्तव में दिव्यता की अनुभूति करा रही है।
उन्होंने कहा कि ध्यान साधना एक सीढ़ी है साधना के विभिन्न आयामों तक पहुंचा जा सकता है। इस पवित्र वातावरण में रहकर आप सभी ने दिव्यता और पवित्रता का अनुभव इस दिव्य अनुभव को अपने साथ लेकर जाये और इस ऊर्जा को दिव्य कार्यों और समाज सेवा में लगाये।
श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी ने कहा कि पूज्य संतों का आशीर्वाद प्रभु की कृपा से प्राप्त होता है। पूज्य संतों ने पूरे संसार में योग, अध्यात्म और चेतना को जागृत करने का कार्य किया हंै। मैं सदैव पूज्य संतों का आभारी रहुंगा जिनकी कृपा से ही हम आगे बढ़ रहे हैं। हम सभी मानवता की सेवा करते रहे यही आशा करते है।
परमार्थ निकेतन गंगा आरती में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्री सुधांशु जी और श्री गोयनका जी को ‘नटराज पुरस्कार’ से सम्मानित किया।