विख्यात अभिनेत्री, उद्यमी, मिस इंडिया यूके 2012 की विजेता ’डीना उप्पल’ आयी परमार्थ निकेतन*
* परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती से भेंट कर परमार्थ निकेतन गंगा आरती में किया सहभाग*
* सिनेमा, साहित्य और संस्कारों के बीच गहरा संबंध*
* स्वामी चिदानन्द सरस्वती*
ऋषिकेश, 26 अक्टूबर। विख्यात अभिनेत्री, उद्यमी, मिस इंडिया यूके 2012 की विजेता, माॅडल, निर्देशक, कास्टिंग डायरेक्टर ‘डीना उप्पल’ आयी परमार्थ निकेतन। उन्होंने परमार्थ निकेतन की दिव्यता व भव्यता तथा यहां की विश्व विख्यात गंगा आरती के विषय में अनेकों पर्यटकों और विख्यात विभूतियों से सुना था, वहीं जिज्ञासा उन्हें यहां पर ले आयी।
अभिनेत्री डीना उप्पल ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट का आशीर्वाद लिया। साथ ही उनके पावन सान्निध्य में अपनी आध्यात्मिक जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सिनेमा, साहित्य और संस्कारों के बीच गहरा संबंध है। तीनों परस्पर अलग-अलग विधाएँ हैं परन्तु तीनों में काफी गहरा और पारस्परिक संबंध है। जिस प्रकार साहित्य में श्रेष्ठताबोधता है, सीेमायें है उसी प्रकार फिल्मों में भी होना जरूरी है। फिल्में केवल मनोरंजन का ही साधना न हो बल्कि फिल्मों के माध्यम से उचित संदेश और मर्म पहुंचाना आवश्यक है। जिस प्रकार साहित्य केवल मनोरंजन हेतु नहीं बल्कि एक बृहत उद्देश्य के लिये होता हैं उसी प्रकार थियेटर व सिनेमा भी उद्देश्यपरक हो तो अत्यंत उपयोगी और प्रभावी होगा।
स्वामी जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि साहित्य एवं सिनेमा दोनों ही संस्कारों की दिशा में आगे बढ़ता रहे। सिनेमा और साहित्य दोनों ही संस्कारों की राह पऱ चले तो न केवल मनोरंजन बल्कि समाज की जरूरतों, समस्याओं व विशेषताओं को भी वैश्विक स्तर तक पहुँचाया जा सकता है। सिनेमा और साहित्य दोनों ही समाज का दर्पण और प्रतिबिंब है, दोनों ही संस्कारों के साथ अपनी-अपनी सीमाओं का विस्तार कर एक साथ आगे तो विलक्षण परिवर्तन किया जा सकता है और इसमें अभिनेता, अभिनेत्री, निर्देशक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
डीना उप्पल ने कहा कि वास्तव में उत्तराखंड ध्यान और योग की धरती है। यहां आकर मैने देखा कि यह तो स्वर्ग है। परमार्थ निकेतन, उत्तराखंड में आना, यहां पर होना वास्तव में शान्ति देना वाला क्षण है। यहां का पूरा वातावरण अद्भुत है, अलौकिक है और स्वर्ग है। मैने गंगा आरती के विषय में जिताना भी सुना था आज जाना कि वास्तव में यह वे क्षण होते हैं जो मन को शान्ति की ओर; दिव्यता की ओर लेकर जाते हैं। उत्तराखंड में कलकल करती गंगा का म्यूजिक अद्भुत है। पीस देने वाले; शान्ति देने वाले सारे म्यूजिक एक ओर परन्तु गंगा का जो प्राकृतिक म्यूजिक है वह अद्भुत है और भीतर तक उतरता है। परमार्थ गंगा आरती ने मुझे भावविभोर कर दिया। बार-बार यहां आने को मन करता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने रूद्राक्ष की माला और रूद्राक्ष का दिव्य पौधा अभिनेत्री डीना उप्पल को भेंट किया।
डीना उप्पल ने माँ शबरी रामलीला का मंचन करने वाले सभी कलाकारों से भी भेंट की। सभी आदिवासी-वनवासी कलाकरों ने परमार्थ निकेतन से आज विदा ली।