परमार्थ निकेतन में वित्त मंत्री उत्तराखंड सरकार श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी एवं पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण जी का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और वित्त मंत्री उत्तराखंड सरकार श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी ने जी-20 के आयोजन से संबंधित कार्यो की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की ।
परमार्थ निकेतन में डॉ निशंक जी का रचना संसार अन्तर्राष्ट्रीय दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, वित्त मंत्री उत्तराखंड सरकार श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी, माननीय पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री निशंक जी, डा अरूण जी, महात्मा गांधी हिन्दी विश्व विद्यालय वर्धा के कुलपति डा रजनीश कुमार शुक्ल जी, डा रश्मि खुराना जी, डा राजेश नैथानी जी, डा अश्विनी जी और अन्य अतिथियों ने समापन समारोह में सहभाग ़कर उद्बोधन दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज डॉ निशंक का रचना संसार सम्मेलन के समापन अवसर पर कहा कि साहित्य वह सशक्त माध्यम है, जो समाज को व्यापक रूप से प्रभावित करता है। सद्साहित्य समाज के चरित्र निर्माण में सहायक होता है। समाज के नवनिर्माण में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। साहित्य समाज का दिशा-बोधक है। साहित्य समाज को संस्कारित करने के साथ-साथ जीवन मूल्यों की भी शिक्षा देता है।
साहित्य समाज का दर्पण भी है। हालाँकि जहाँ दर्पण मानवीय बाह्य विकृतियों और विशेषताओं का दर्शन कराता है वहीं साहित्य मानव की आंतरिक विकृतियों और खूबियों को चिह्नित करता है।
स्वामी जी ने कहा कि साहित्य का स्वरूप क्या है और उसके समाज दर्शन का लक्ष्य क्या है? इस पर चितंन करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि समाज और साहित्य में अन्योन्याश्रित संबंध है। साहित्य की पारदर्शिता समाज के नवनिर्माण में सहायक होती है क्योंकि वह खामियों को उजागर करने के साथ उनका समाधान भी प्रस्तुत करता है। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुये कहा कि अपने भावों को लेखन के माध्यम से प्रकट करे इससे आने वाली पीढ़ियों को दिशा मिलेगी साथ ही स्वयं के तनाव को भी कम किया जा सकता है।
श्री प्रेमचन्द अग्रवाल जी ने कहा कि हमारे उत्तराखं डमें पग-पग पर देवी देवतायें विद्यमान है। उन्होंने निशंक जी को उनकी रचनाओं के लिये बधाईयां दी।
डॉ निशंक जी ने कहा कि देश और विदेश के सभी साहित्यकार किसी एक विषय या विद्या पर, किसी एक साहित्यकार पर इतनी लम्बी चर्चा हो रही है। 30 से अधिक देशों के लोग आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से जुड़ें है। मैं प्रसन्न हँू कि मेरे साहित्य पर पूरी दुनिया के लोग विमर्श कर रहे हैं। मेरी हर किताब पर दुनिया के हर देश के लोग 4 से 5 बजे तक प्रति सप्ताह चर्चा करते हैं इसलिये वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड ने इसे सम्मान दिया। इसका वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड बना है। सभी का मत था कि जब 108 का रिकार्ड बनेगा तो परमार्थ निकेेतन में पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में ही समारोह आयोजित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि लिखने का मतलब ही रचना होती है, युवाओं को लेखन के क्षेत्र में आगे आना होगा। लेखक गांव उन सभी का गांव होगा जिन लेखकों को किसी भी प्रकार की जरूरत होगी वह सब यहां आकर रह सकते हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि जो भी आपके मन में आ रहा है उसे लिखना शुरू करें। निशंक जी ने कहा कि उत्तराखंड जल की पहली पाठशाला है। यह वदों का जन्मदाता है।
इस अवसर पर अनेक प्रसिद्ध साहित्यकारों, शिक्षाविदों, प्रोफेसर्स एवं समीक्षकों ने सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।