Blood Donation Camp Organized at Parmarth Niketan

परमार्थ निकेतन में ’सेवा पखवाड़ा’ के अवसर पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आहवान पर एक दिवसीय रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया।

ज्ञात हो कि माननीय नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस के अवसर पर सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत पूरे देश में स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर और स्वास्थ्य शिविर आदि विभिन्न कल्याकारी योजनाओं का आयोजन किया जा रहा है। उसी के तहत आज परमार्थ निकेतन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के दिव्य सान्निध्य एवं आशीर्वाद से यमकेश्वर विधायक श्रीमती रेणु बिष्ट जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर शिविर का उद्घाटन किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सेवा ही जीवन का आधार है। सेवा ही मानवता की सबसे बड़ी पूजा है और एक यूनिट रक्त दान करना तो संवेदना का अद्भुत उदाहरण है। दान वही है जो मानवीय सहायता हेतु बिना किसी लाभ के, उपहार के रूप में दिया जाता है इसलिये रक्तदान महादान है।

स्वामी जी ने कहा कि ‘व्यक्तिगत स्तर पर रक्त दाताओं’ की भूमिका महत्वपूर्ण हैै। किसी को जीवन प्रदान करने के लिये निस्वार्थ भावना से दिया गया रक्त किसी और की जिन्दगी बचा सकता है।

स्वामी जी ने कहा कि योग, ध्यान और साधना द्वारा अर्जित की गयी शक्ति को सेवा में लगायें। हम देखते है कि अतीत में आधुनिक मूल्यों का विकास न होने के कारण व्यैक्तिक एवं सामाजिक जीवन में नैतिकता और संवेदना की प्रधानता थी। आंतरिक शुद्धता एवं आत्मा की एकता के सिद्धांत पर संवेदना और नैतिकता आधारित होती है। सभी के मध्य सहृदयता एवं करुणा की भावना का प्रसार करना अत्यंत आवश्यक ह,ै जो इन छोटे-छोटे सेवा कार्यों से आती है।

स्वामी जी ने कहा कि मानवता युक्त व्यवहार की अत्यंत आवश्यकता है। मानवता का सूत्र किसी पुस्तक या कोई अवधारणा नहीं है बल्कि यह वंचित वर्गों की सेवा से ही आता है। गरीबों के कल्याण हेतु कार्य करना, वंचित समुदायों की समस्याएँ जानना, समझना और सुलझाना ही सच्ची सेवा है। समाज से असमानता, गरीबी, गैर-बराबरी, अस्पृश्यता आदि को समाप्त कर एक आदर्श समाज की संकल्पना को साकार किया जा सकता है।

आईये आज रक्त दान का संकल्प लें क्योंकि जीवन रक्षक के रूप में रक्तदान

बहुत ही अनिवार्य है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर स्वामी जी ने सतत, सुरक्षित और स्वच्छ पर्यटन और तीर्थाटन का संदेश