परमार्थ निकेतन में आज तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर किया तुलसी का रोपण

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कराया तुलसी रोपण संकल्प

तुलसी औषधीय पौधा ही नहीं बल्कि जीवन के लिये अमृत है

घर-घर तुलसी, हर घर तुलसी

स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 25 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन में आज तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर कृष्णा तुलसी का रोपण किया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने ’’घर-घर तुलसी, हर घर तुलसी’’ का संकल्प कराया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज कृष्णा तुलसी का रोपण, पूजन करें तथा तुलसी के संस्कारों से अपने को संस्कारित करे। तुलसी में एंटी आॅक्सीडेंट, संक्रामक रोगों से लड़ने के गुण होते है। तुलसी टीबी, मलेरिया, सर्दी-जुकाम, खाॅसी, दंत रोग, श्वास जैसी रोगांेे के इलाज में लाभदायक है। तुलसी में केवल औषधीय गुण ही नहीं है बल्कि तुलसी तो अमृत तुल्य है।

स्वामी जी महाराज ने कहा कि बिना पेड़-पौधों के मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पेड़-पौधे हमें जीवन प्रदान करते है; हमारी प्रत्येक श्वास पर पेड़-पौधों का विशेष योगदान है अतः अपने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की रक्षा के लिये पेड़ों का रोपण कर,े उन्हे संरक्षण दे।

स्वामी जी ने कहा कि क्रिसमस का उत्सव मनायें, यीशु के जन्म दिवस की खुशी मनायें, आपस में प्यार बांटे साथ ही प्राणवायु आॅक्सीजन को बांटने के लिये पेड़ भी लगायें। प्रत्येक पर्व को वृक्षारोपण से जोडे़ और अपनी धरा को भी जीवंत बनाये।

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में तुलसी के पूजा की नियमित पूजा होती है, उस घर में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। कोरोना काल में पूरी दुनिया ने तुलसी के महत्व को स्वीकार किया है। तलसी के पौधे के महत्व को देखते हुए पूज्य संतों ने 25 दिसंबर 2014 से तुलसी पूजन दिवस मनाने की शुरुआत की।

ज्ञात हो कि किसी भी शुभ कार्य करने से पहले तुलसी पूजा की जाती है। तुलसी भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं. इसलिए भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी पत्ते का प्रयोग किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है, वहां कभी भी नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती तथा तुलसी के पत्ते का सेवन भी सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक माना जाता है. आईये तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर तुलसी के रोपण और संरक्षण का संकल्प लें।